Powered by Blogger.

Links

Followers

"पुस्तकों का विमोचन तथा ब्लॉगर मीट

लोकार्पण समारोह एवं ब्लॉगर्स मीट सम्पन्न

>> रविवार, ९ जनवरी २०११

खटीमा। साहित्य शारदा मंच के तत्वावधान में डा0 रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’ की सद्यःप्रकाशित दो पुस्तकों क्रमशः सुख का सूरज (कविता संग्रह) एवं नन्हें सुमन (बाल कविता का संग्रह) का लोकार्पण समारोह एवं ब्लॉगर्स मीट का आयोजन स्थानीय राष्ट्रीय वैदिक विद्यालय, टनकपुर रोड, खटीमा (ऊधमसिंह नगर) में सम्पन्न हुआ। 
पुस्तकों का लोकार्पण सभाध्यक्ष डा0 इन्द्रराम, से0नि0 प्राचार्य राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय काशीपुर के कर कमलों द्वारा सम्पन्न हुआ। इस अवसर पर मुख्य अतिथि दिल्ली से आए लोकप्रिय व्यंगकार एवं वरिष्ठ ब्लागर श्री अविनाश वाचस्पति एवं विशिष्ट अतिथि श्री सोहन लाल मधुप, सम्पादक प्रजापति जगत पत्रिका थे तथा आमंत्रित अतिथियों में परिकल्पना ब्लॉग के संचालक लखनऊ से पधारे श्री रवीन्द्र प्रभात, लोक संघर्ष पत्रिका के प्रबन्ध सम्पादक बाराबंकी से पधारे एडवोकेट रणधीर सिंह ‘सुमन’, हसते रहो ब्लॉग के संचालक दिल्ली से पधारे श्री राजीव तनेजा, पद्म सिंह, पवन चंदन, धर्मशाला (हिमांचल प्रदेश) के केवलराम, बेतिया (बिहार) से मंगलायतन ब्लॉग के संचालक मनोज कुमार पाण्डेय के अतिरिक्त बरेली से आए शिवशंकर यजुर्वेदी, किच्छा से नबी अहमद मंसूरी, लालकुऑ (नैनीताल) से श्रीमती आशा शैली हिमांचली, आनन्द गोपाल सिंह बिष्ट, रामनगर (नैनीताल) से सगीर अशरफ, जमीला सगीर, टनकपुर से रामदेव आर्य, चक्रधरपति त्रिपाठी, पीलीभीत से श्री देवदत्त प्रसून, अविनाश मिश्र, डा0 अशोक शर्मा, लखीमपुर खीरी से डा0 सुनील दत्त, बाराबंकी से अब्दुल मुईद, पन्तनगर से लालबुटी प्रजापति, सतीश चन्द्र, मेढ़ाईलाल, रंगलाल प्रजापति, नानकमता से जवाहर लाल, स0 स्वर्ण सिंह, खटीमा से सतपाल बत्रा, पी0एन0 सक्सेना, डा0 सिद्धेश्वर सिंह, रावेन्द्र कुमार रवि, डा0 गंगाधर राय, सतीश चन्द्र गुप्ता, वीरेन्द्र कुमार टण्डन आदि उपस्थित रहे। 
लोकर्पण समारोह के पश्चात विषय प्रवर्तन के अन्तर्गत हिन्दी भाषा और साहित्य में ब्लॉगिंग की भूमिका विषय पर उद्बोधन करते हुए रवीन्द्र प्रभात ने कहा कि इस समय हिन्दी में लगभग 22 हजार के आसपास ब्लॉग हैं, जबकि यह संख्या अंग्रेजी की तुलना में काफी कम है। अंग्रेजी में इस समय लगभग चार करोड़ से अधिक ब्लॉग्स हैं। हालॉकि यह अलग बात है कि अप्रत्याशित रूप से ब्लॉगिंग विश्व में एशिया का दबदबा कायम है। टेक्नोरेटी के एक सर्वेक्षण के अनुसार विश्व के कुल ब्लॉग्स में से 37 प्रतिशत जापानी भाषा में हैं, 36 प्रतिशत अंग्रेजी में, और 8 प्रतिशत के साथ चीनी तीसरे नम्बर पर है। अभी तुलनात्मक रूप से भले ही हिन्दी ब्लॉग का विस्तार कॉफी कम है किन्तु हिन्दी ब्लॉगों पर एक से एक एक्सक्लूसिव चीजे प्रस्तुत की जा रही हैं और ऐसी उम्मीद की जा रही है की आने वाले समय में हिन्दी ब्लॉगिंग का विस्तार काफी व्यापक होगा।
अविनाश वाचस्पति ने कहा कि ब्लॉगिंग की कार्यशाला विद्यालयों में होनी चाहिए खासकर जूनियर कक्षा के विद्यार्थियों को कम्प्यूटर के माध्यम से ब्लॉग बनाना सिखाया जाये। इससे हिन्दी ब्लॉगिंग का बहुआयामी विस्तार होगा। जबकि राजीव तनेजा का कहना था कि धीरे-धीरे ब्लॉगिंग समान्तर मीडिया का रूप लेता जा रहा है और आने वाले समय में यह आशा की जा रही है कि ब्लॉगिंग के माध्यम से हिन्दी काफी समृद्ध होगी। इस अवसर पर पवन चन्दन ने कई उद्धरणों के माध्यम से ब्लॉगिंग के विस्तार पर प्रकाश डाला। लोक संघर्ष पत्रिका के प्रबन्ध सम्पादक एडवोकेट रणधीर सिंह ‘सुमन’ ने रहस्योघाटन करते हुए कहा कि हिन्दी के कई ऐसे वरिष्ठ साहित्यकार हैं जो ब्लॉग जगत की गतिविधियों के न जुड़े होने के बावजूद हमारे पास अपनी रचनाएँ प्रेषित करते हैं ताकि उन्हें ब्लॉग में सम्मानजनक स्थान दिया जा सके। जिस दिन यह सभी वरिष्ठ साहित्यकार ऑनलाइन अन्तरजाल से जुड़ जायेंगे मेरा दावा है कि हिन्दी ब्लॉगिंग का परचम पूरी दुनिया में लहरायेगा। 
इस अवसर पर डा0 सिद्धेश्वर सिंह ने हिन्दी ब्लॉगिंग के कई अनछुए पहलुओं पर प्रकाश डालते हुए कहा कि हिन्दी ब्लॉगिंग हिन्दी भाषा और साहित्य को एक नया संस्कार देने की दिशा में तेजी से अग्रसर है। 
धन्यवाद ज्ञापन करते हुए डा0 रूपचन्द्र शास्त्री ‘मयंक’ ने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि आज हमारी संस्था द्वारा आयोजित इस कार्यक्रम का जीवंत प्रसारण अन्तरजाल पर पौडकास्ट के माध्यम से जबलपुर में बैठे श्री गिरीश बिल्लौरे मुकुल द्वारा इसे संचालित किया जा रहा है और पूरी दुनिया इस जीवंत प्रसारण का आनन्द उठा रही है। 
अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में डा0 इन्द्रराम ने कहा कि मेरे लिए यह एक नया अनुभव है कि साहित्य और ब्लॉग जगत से जुड़े हुए रचनाधर्मियों का सानिध्य खटीमा जैसे छोटे से शहर में प्राप्त हो रहा है। 
कार्यक्रम का संचालन श्री रावेन्द्र कुमार रवि द्वारा किया गया।

deepti sharma  – (January 11, 2011 at 3:39 AM)  

achha laga y lekh
...
kabhi yaha bhi aaye
www.deepti09sharma.blogspot.com

Post a Comment

Feeds

  © Blogger template Shush by Ourblogtemplates.com 2009

Back to TOP